सच क्या है, काफी नहीं है जान लेना
जब तक उसे जिया ना जा सके
जब तक उसे जिया ना जा सके
"सही क्या है", काफी नहीं है ये जन लेना
जब तक उसे करने का जोश न आ सके
काफी नहीं है सपने संजोना
जब तक साकार करने की चाहत न हो सके
काफी नहीं है आदर्शों में जीना
जब तक लड़ने की हिम्मत न हो सके
काफी नहीं है मोहब्बत में दीवानगी
जब तक अर्पण न किया जा सके
काफी नहीं है प्रार्थना में बंदगी
जब तक समर्पण न कर सके
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