रहम कर ऐ खुदा
सालों की तड़प के बाद
सालों की तड़प के बाद
अब तो मुक्ति दिला
जाने क्या खोया और क्या पाया
जो हर पल साँसों में बसती थी वो
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला
जहाँ कभी था मेरा बसेरा
निकाल ले उन यादों के भंवर से मुझे
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला
उम्मीदों से, इच्छाओं से, उलझनों से
इस जहाँ से, इन लडखडाती धडकनों से
अब तो मुक्ति दिला
जाने क्या खोया और क्या पाया
जो हर पल साँसों में बसती थी वो
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला
जहाँ कभी था मेरा बसेरा
निकाल ले उन यादों के भंवर से मुझे
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला
उम्मीदों से, इच्छाओं से, उलझनों से
इस जहाँ से, इन लडखडाती धडकनों से
अब तो मुक्ति दिला
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