Tuesday, May 29, 2012

मुक्ति

रहम कर ऐ खुदा
 सालों की तड़प के बाद
अब तो मुक्ति दिला

जाने क्या खोया और क्या पाया
जो हर पल साँसों में बसती थी वो
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला

जहाँ कभी था मेरा बसेरा
निकाल ले उन यादों के भंवर से मुझे
ऐ खुदा, अब तो मुक्ति दिला

उम्मीदों से, इच्छाओं से, उलझनों से
इस जहाँ से, इन लडखडाती धडकनों से
अब तो मुक्ति दिला 

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