प्यार को मजाक समझना तुम्हारी भूल थी
ख्वाब को हक़ीक़त समझना मेरी भूल थी
खुदा करे ये मदहोशी कभी न टूटे
ख्वाब ही सही, तुम अपने तो हो मेरे
हैरां हो देख कर मुस्कुराने की आदत मेरी
ये भी इक अदा है, ग़म छुपाने की मेरी
माना की रेत के महल हैं अब आशियाँ मेरे
सच और साहस है गर मन में
हर आंधी तूफां को सह लेंगे ये
तू रो न देना, तेरे अश्कों में मगर बह जाएँगे ये
कहता तो हूँ, छोड़ देतें हैं ये सब, मेरे यार
फिर क्यों मुड के देखता हूँ बार बार
तुम से है प्यार बेशुमार मुझे
मौत भी उतनी ही अज़ीज़ मुझे
देखतें हैं कौन गले लगाता है पहले
इंतज़ार है अब दोनों का मुझे
तुम पर मर कर हमें ये जिंदगी क्या खूब हसीं लगती है
तेरे कदमों में दम निकले, देखें ये दुआ कब कबूल होती है
तुम्हारा साथ इतना प्यारा लगा
मंजिल का कोई एहसास ही न रहा
अनजानी सी राह पर चलते चलते
न जाने ये रास्ते कब मंजिल बनते चले गए
अपनी किस्मत से गिला यही एक मुझे
तू इतनी देर से क्यों है मिली मुझे
एक तू ही नहीं, मुझे भुला दिया है जिसने
तेरे इश्क में हम भी खुद को भुलाए बैठे हैं
खुदा करे तुझे मेरी याद अब कभी न आये
तेरी यादें मगर मेरी रूह की साँसे बन जाएँ
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