पल दो पल की क्यों है ज़िंदगी
तो खुदा से मांग लूँ
मोहलत मैं इक नयी
रहना है बस यहाँ
अब दूर तुझसे जाना नहीं
जो तो मेरा हमदर्द है
जो तो मेरा हमदर्द है
जो तो मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द यहाँ
जो तो मेरा हमदर्द है
तेरी मुस्कुराहटें हैं ताक़त मेरी
चाहे करे कोई सितम ये जहाँ
इनमे ही है सदा हिफाज़त मेरी
ज़िंदगानी बड़ी खूबसूरत हुई
जन्नत अब और क्या होगी कहीं
तेरी धड़कनों से है ज़िंदगी मेरी
ख्वाहिशे तेरी अब दुआएं मेरी
कितना अनोखा बंधन है ये
तेरी मेरी जान जो एक हुई
लौटूंगा यहाँ तेरे पास मैं यहीं
वादा है मेरा मर भी जाऊं कहीं
जो तो मेरा हमदर्द है
जो तो मेरा हमदर्द है
जो तो मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द यहाँ
जो तो मेरा हमदर्द है
Ek villain





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