जा तुझे छोड़ता हूँ इस जनम में
तेरी ख़ुशी खातिर ये ग़म-ए-दिल मुस्कुराने लगे
दोस्ती के खातिर, प्यार कि बाज़ी अब हम हारने लगे
तेरे ख़्वाबों-ख्यालों में गुज़र ही जाएगी ये जिंदगी
तुझे पाने कि इच्छा अब अगली जनम में ही होगी
ज़हर देने कि ज़रुरत नहीं
तू चेहरा मोड़ ले, मरने के लिए काफी है यही
खुदा कभी किसी पर फ़िदा न करे
करे तो फिर उससे जुदा न करे
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