तुम्हारे अलावा कुछ नहीं इस जिंदगी में
ख़्वाब में भी तुम्हारा साथ ना छूट जाए
इसलिए सोने से भी डरता हूँ
माना कि उम्र भर सुलगना है अबिस आग में
चाहत कि प्यास मेंसवान से आस लगाये हुए
कली घटा ने झमा झम बरसना न हो अगर
रह रह के यूं हवा न दे चिंगारियों में मगर
मोड़ अगले से मुड जाए, जो साथ चल नहीं सकती
मस्त फिजा में रम जाए, जो साथ जल नहीं सकती
कुछ भी करें या न करें , ये मोहब्बत कम नहीं होती
मोहब्बत कि फितरत में कोई ज़बरदस्ती नहीं होती
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