लौटा दिये हैं
किताबें तुम्हारी,वो सूखे फूल किताबों के
तुमने भी लौटा दी हैं
मेरी वी सारी गुलाबी सी यादें
अब कहती हो लौटा दो, सारी बाकी यादें
वापिस कर दूं कैसे
वो चेहरा जो बसा है मेरे ख्वाबों में
वो तसवीरें जो छप गयी हैं अंतर्मन में
वो खुशबू जो रच गयी है मेरे ज़हन में
वो यादें सुहानी, कसमे -वादे वो सारे
वो भीगी शामें, उलझी सी रातें
वो खुशिया सारी, ग़म वो सारे
जो साथ बहाए, वो आंसूं सारे
चाय की प्याली मे चीनी घुले, वो दर्द तुम्हारे
बीते लम्हों के ये सब जुगनू तारे
जग मग करते ये सब तन्हाई को मेरे
तुम कहती हो वापिस कर दो सारे
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