कुछ बातें रह गयी हैं तुमसे करने को
कुछ राज़ रह गए हैं बताने को
फुर्सत हो तो आ जाओ पल भर को
कुछ दर्द हैं अभी सुनाने को
ग़म के नगमे अभी हैं गाने को
कुछ मुस्कराहट भी है बाँटने को
ज़ख्म भी हैं अभी दिखलाने को
अधूरे सपने को अभी पूरा करने को
फुर्सत हो तो आ जाओ पल भर को
कुछ प्यार कि बातें करने को
दिल में बसी सूरत दिखलाने को
रिश्ता क्या है तुमसे, ये समझाने को
फुर्सत हो तो आ जाओ पल भर को
रात है थमी इंतजार में चाँद के आने को
अशर हैं प्यासे तुम्हारे नैनों के जाम को
कि हसरतें हैं अभी जवां मचलने को
दिल चाहता है अभी कुछ और फिसलने को
देर ना अब करो , इन बाँहों मैं समाने को
फुर्सत हो तो आ जाओ पल भर को
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