Saturday, December 31, 2011

प्रेम


यही कल्पना का अम्बर, यही भावना का सागर 
यही आग का दरिया, यही उफनती नदिया 

यही ग़म का प्याला, यही खुशियों का झरना 
यही उदासी की छाया, यही मुस्कान की माया 

यही ईश की शक्ति, यही भक्त की भक्ति 
यही श्याम की राधा, यही मीरा का कृष्ण 

यही गुरु की सीख, यही शिष्य की भीख 
यही शात्री की निष्ठुरता, यही सखा की मृदुलता 

यही अधर की प्यास, यही मिलन की आस 
यही दर्द को चेहरा, यही दवा का कतरा 

यही धरा अनजान, यही गगन की पहचान 
यही मरू की कंटिया, यही महकती बगिया 

यही प्यारी के सपने, यही मीत की बाहें 
यही ख्वाइशों की चंचलता, यही यादों की शीतलता 

यही दिल की कशमकश, यही ज़हन की कसक 
यही प्रेमी की कामुकता, यही मन की शुद्धता  

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