बहुत बड़ा चक्कर है ये
आखिर कितना शोर मचाएँगे
ये सब यूं ही निरंतर है
धुल के कुछ कण इसके
क्या कुछ बदल पाएँगे
लौकिक रहस्य क्या समझे
क्षण भर की जिंदगी है
पूरे दिन का हाल क्या जाने
चैतन्य विचार क्या बूझे
गति अपने अन्दर में है
क्या है और क्या नहीं, अब राम जी ही जानें
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