ले चल वहां 
ऐ दिल, ले चल यहाँ से दूर मुझे
ऐ दिल, ले चल यहाँ से दूर मुझे
ले चल वहां 
जहाँ सीनों में दिल हो, पत्थर न हो 
मोहब्बतों में कोई दूरी न हो 
माहिया की फिर से मजबूरी न हो 
ले चल वहां 
जा कर कहीं खो जाऊं मैं 
खुद से अजनबी बन जाऊं मैं 
ढूंढें कोई तो मेरा निशां न हो 
ले चल वहां 
जहाँ छल न हो, धोखा न हो 
उल्फत में कोई रंजिश न हो 
फरेब की कोई महफ़िल न हो 
ले चल वहां 
जहाँ अपने पराये एक से हों 
दूर हो कर भी वो करीब से हों  
अलग हुए भी फिर एक ही हों
ले चल वहां 
ऐ दिल, ले चल यहाँ से दूर मुझे 



 
 









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