कौन मेरी, मेरी क्या तू लागे
क्यों तू बांधे, मन के मन से धागे
क्यों तू बांधे, मन के मन से धागे
प्यास दे के, दूर मुझसे क्यों तू भागे
बस चले न क्यों मेरा कुछ तेरे आगे
ढूँढ ही लूँगा मैं तुझे, हर जगह अब तो
तुझको खबर है
हो गया हूँ तेरा जब से, मैं हवा में हूँ
तेरा असर है
क्या खता हुई, इस जनम तू बिछड़ी
एहसास में मगर तू सदा है
जिंन्दगी ज़ख्म सही, जिंदा हूँ मैं फिर भी
साँसों में तू जो सदा है
(adapted from Special 26)
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