Tuesday, November 30, 2010

क्या होता है प्यार

तुमने पूछा क्या होता है प्यार 

न बातें कुछ हों कहने को 
न ही कुछ हो सुनने को 

यूं ही चुप चुप सी मुलाकातें 
जान लें मन कि अनकही बातें 

मिलने के बाद फिर मिलने की चाहत हो 
बिन पिए जब नशा सा छा जाता हो 

मन जब ग़ुलाम हो उनके ख्यालों का 
रहनुमा बन बैठा हो वो जब ख़्वाबों का 

मंजिल भी वही और रास्ता भी वही लगे 
विरह का ज़हर भी जब अमृत समान कगे 

अपना सब कुछ वार करने को जी चाहे 
अपनी हस्ती मिटा देने को जी चाहे 

दिन में मदहोशी और रातें जागी सी हों 
कोई तमन्ना न हो, न ही कुछ हासिल करने को हो 

लगे कि समय यहीं रुके, और सांसे थम जाएँ 
जब वो हमारी बाँहों में हों समाये 

इसे कहते हैं प्यार

Thursday, November 25, 2010

उल्फत

तुम पर कोई इलज़ाम नहीं
नजरिया ही अलग है तुमसे मेरे

Friday, November 19, 2010

Friday, November 12, 2010

Wednesday, November 10, 2010

डाली

जैसे सींचती हो फूलों को प्यार से 
मैं भी खड़ा इंतजार में जन्मों से

Friday, November 5, 2010

ਮੈਂ ਆਪਣਾ ਧਰਮ ਨਿਭਾਉਣਾ ਜਾਣਾ ਵਾਂ

ਆਪਣੇ ਇਸ਼ਕ਼ ਤੇ ਕੁਰਬਾਨ ਆਪ ਹੀ ਹੋ ਬੈਠੇ 
ਐਸ ਜ਼ਾਹਿਰ ਨਾਲ ਅਸੀ ਯਾਰੀ ਕਰ ਬੈਠੇ

Tuesday, November 2, 2010

ਦੁਸ ਕਿੰਨੇ ਜਨਮ ਲੰਵਾ ਤੇਨ੍ਨੁ ਪਾਉਣ ਲਈ

ਜ਼ਾਹਿਰ ਵੀ ਦਿੱਤਾ ਤਾਂ ਵੀ ਨਾ ਮੁਕਿਯਾ ਗਿਆ 
ਖੁਦ ਨੂ ਪਤ੍ਥਰ ਚ ਕੀਤਾ, ਕੁਝ ਨ ਬਦ੍ਲਿਯਾ
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