Wednesday, November 30, 2011

सदा मेरे संग ही रहता


स्मृति, मन, दिमाग और ख़्वाब ये मेरे 
साथ छोड़  मेरा, तुम्हारे संग हो रहें हैं सारे 

मैं मिलन के जलाता और तुम विरह के बुझाती


मैं सपनों में सुहाने से रंग भरता 
तुम्हारा मन जग जाता और छुप जाता 

Friday, November 25, 2011

उठ के जो चल दिया मैं उसके दर से


उठ के जो चल दिया मैं उसके दर से 
उससे रोका भी न गया आवाज़ दे के 

Sunday, November 20, 2011

प्यार की तपिश मगर रहेगी वही


ये रिश्ता यूं बेनाम ही सही 
प्यार की तपिश मगर रहेगी वही 

Monday, November 14, 2011

Monday, November 7, 2011

ਏ ਨਾ ਕਵੀਂ ਕਦੀ ਮੇਨੂ

ਕਦੀ ਰੁਲਾਂਦੀ ਹੈ ਤੇ ਕਦੀ ਹਸਾਂਦੀ ਹੈ 
ਤੇਨੁ ਆਪ ਨਹੀ ਪਤਾ, ਕੀ ਕਰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ 

Wednesday, November 2, 2011

मैं रहूँ सदा तुझ में और तू सदा मुझ में रहे


न ये अधर प्रणय सन्देश कह पायें 
न ही नैन तुझे निहार सकें 
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