Monday, August 18, 2014

ये है आशिक़ी !

बेशर्मियाँ .. , बर्बादियाँ .. 
है इश्क़ की … शैतानियाँ ..
 
ये फ़ितूर जो  ..  सिर पे सवार जो  ..
जीना भी फिर दुश्वार हो  .. 

किसकी मजाल  ..  कोई रोक ले  .. 
किसकी मजाल  ..  कोई टोक ले  .. 
इश्क़ का जूनून रुके नहीं  .. 

है बावरी  ..  ये  आशिकी  .. 
ग़ुस्ताख़ सी  ..  ये आशिक़ी  .. 
बेख़ौफ़ भी  ..  ये आशिक़ी 

बड़ी है अजब कैसी ये तलब 
ये है आशिक़ी 
ज़िद्दी बड़ी  .. 
बड़ी सर-फिरी  .. ये  आशिक़ी 

किसकी मजाल  ..  कोई रोक ले  .. 
किसकी मजाल  ..  कोई टोक ले  .. 
इश्क़ का जूनून रुके नहीं  .. 

है बावरी  ..  ये  आशिकी  .. 
ग़ुस्ताख़ सी  ..  ये आशिक़ी  .. 
बेख़ौफ़ भी  ..  ये आशिक़ी 
बेख़ौफ़ सी  ..  ये आशिक़ी 

जो ये संग चले, संग चले 
जो ये रंग चढ़े, रंग चढ़े 
फिर क्या फिकर कोई क्या करे 

ये है वो आग जो न बुझ सके 
ऐसे बारिशें जो न थम सकें 
इश्क़ के जूनून रुके नहीं 

है बावरी  ..  ये  आशिकी  .. 
ग़ुस्ताख़ सी  ..  ये आशिक़ी  .. 
बेख़ौफ़ भी  ..  ये आशिक़ी 
बेख़ौफ़ सी  ..  ये आशिक़ी 

ये इश्क़ नहीं आसां 
बस इतना समझ लीजे 
इक आग का दरिया है 
और डूब के जाना है 


Lyrics adapted from : Yeh Hai Aashiquee TV Serial

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