Tuesday, January 24, 2012

बेवफा


जाने कहाँ खो गयी
आँखों से ओझल हो गयी 

क्यों


ये मौजें अंगडाइयां क्यों लिया नहीं करती 
बल खाती ये कमरिया क्यों मुड़ा नहीं करती 

आमीन


मुझे तुम पर है बहुत यकीन 
तुमने भी कहा था आमीन 

तू और उदास न हो


जिंदगी कहीं इक रात न बन जाए
जिसकी कभी सुबह न हो 

Monday, January 16, 2012

Thursday, January 5, 2012

Monday, January 2, 2012

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More

 
Design by Free WordPress Themes | Bloggerized by Lasantha - Premium Blogger Themes | Blogger Templates