Sunday, February 20, 2011

कैसे


अपने ख़्वाब तुम्हे दिखाऊँ कैसे 
दिल कि हालत बयां करूँ कैसे

अपने लफ़्ज़ों को तेरी ग़ज़ल बनाऊं कैसे 
अपनी साँसों को यूं तुमसे महकाऊँ कैसे 

तेरो सोच कि धरा में बह जाऊं कैसे 
तेरे नैनों में डूब के मर जाऊं कैसे 

रातों की तन्हाई मिटाऊँ कैसे 
लिपट के तुमसे यूं सिमट जाऊं कैसे 

तेरे दिल में आग लगाऊं कैसे 
तुझे प्रीत कि प्यास लगाऊं कैसे 

तू मेरी यादों में बसती है जैसे 
मैं तेरी यादों में आऊँ कैसे

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