Saturday, June 16, 2012

धोखा

इतना बड़ा धोखा
यकीं नहीं होता

जो दम भरते थे प्यार का
वही दामन छुड़ा के चल दिए

जो वादा करते थे साथ निभाने का
वही हाथ झटक के चल दिए

मैं भी उनकी ज़िन्दगी में हूँ, मुझको हमेशा लगता रहा
धोखा मेरी नज़रों का था या शायद दोष मेरी बंदगी का

झूट नहीं ये कि जिम्मेदारियां निभानी हैं उन्हें
सच ये भी है कि डरते हैं वो इस आग में संग जलने से

जलने में जो मज़ा है वो दीवाने ही जानते हैं
होश वाले क्या खाक इश्क किया करते हैं

उनका धोखा भी प्यारा सा लगता है हमें तो
अच्छा होगा जो सच का सामना करना सीखें वो


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