Wednesday, September 4, 2013

मेरी खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

याद नहीं तुमने मुझे करना, अपनी यादों से मुझे महरूम न करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

बीते लम्हों का दर्द एक पल के लिए भूल जाया करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

तुम्हारी हसीं है मुझे अज़ीज़ बहुत, यूं मुंह छुपाया न करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

कोई हमराही न सही, अनजानी राहों से फिर भी घबराया न करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

आँखों में तुम्हारी नमी जंचती नहीं, सारे ग़म मुझे दे जाया करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

काम की फ़िक्र नहीं, कर ही लूँगा किसी तरह, इतना यक़ीन करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

मोहब्बत तुम्हे कुबूल न सही, यारी क़ुबूल मुझे, ये खेल अब ख़त्म करो
मेरी  खातिर, ज़रा मुस्कुराया तो करो

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