Sunday, December 2, 2012

तुम्ही एक हो

समझ कर गलत मुझे, दुरुस्त किया है जिसने मुझे 
यार दोस्त तो बहुत मिले मुझे
तुम्ही एक हो जो रच-बस पाई हो मुझमे

सबने समझाया सही गलत का भेद मुझे
लगता मगर हमेशा रहा मुझे
सब सही है गर तुम्ही एक हो साथ मेरे

तुम अपना प्यार ले भी जाओ दूर मुझसे
छोड़ जाओ यूं ही प्यासा मुझे
हंसाया बहुतों ने, तुम्ही एक हो जो रुला सकी है मुझे

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